मेरा सपनो का हिन्दुस्तान

जिसकी मिट्टी को मातृभूमि का कर समझा जाता हैं ,

जो अतिथियों को बड़े प्यार से अपनाता हैं ,

सबकी भावनाओं का रखता हैं वो मान,

वही है मेरा सपनो  हिन्दुस्तान ,


जहाँ जातिवाद का भेदभाव नहीं ,

एक समान हैं जिसके लिए रंग सभी,

जहाँ ईद और दिवाली साथ मनाई जाती हैं ,

राम भी एक रहीम भी एक की धुन गायी जाती हैं,

सबको एक करने की थामता वो कमान ,

वही हैं मेरे सपनो का हिन्दुस्तान ,


जहां स्री को देवी समझा  हैं,

उसकी इच्छाओ का मान रखा जाता हैं,

अंधेरो से कभी वो न डरा करती,

उसे किसी की सुरक्षा की जरूरत न पड़ती,

हर आँखों में दिखता  उसके लिए सम्मान,

वही हैं मेरा सपनो का हिन्दुस्तान,


जहाँ युवा घर पर न बैठा करता,

अपने कर्त्वयों का निर्वाहन वो करता,

उसके गुण का न होता कभी अपमान,

वही हैं मेरे  हिन्दुस्तान,



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